कवि :
हमें तो अपनों ने लूटा
गैरो में कहाँ दम था
अपनी कश्ती वहां डूबी
जहां पानी कम था
हमें तो अपनों ने लूटा
गैरो में कहाँ दम था
अपनी कश्ती वहां डूबी
जहां पानी कम था
कवि की पत्नी:
तुम तो थे ही गधे
तुम्हारे भेजे में कहाँ दम था
वहां कश्ती लेकर गए ही क्यों
जहाँ पानी कम था!!
तुम तो थे ही गधे
तुम्हारे भेजे में कहाँ दम था
वहां कश्ती लेकर गए ही क्यों
जहाँ पानी कम था!!
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